बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2 राजनीति विज्ञान बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2 राजनीति विज्ञानसरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2 राजनीति विज्ञान : लोक प्रशासन
प्रश्न- सहायक अभिकरण का अर्थ स्पष्ट कीजिए एवं स्टाफ अभिकरण से इनकी भिन्नता पर प्रकाश डालिए।
अथवा
सहायक अभिकरणों की विशेषताओं पर प्रकाश डालिए तथा सूत्र अभिकरण के साथ अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर -
सहायक अभिकरण
(Auxiliary Agencies)
अंग्रेजी शब्द आक्जीलरी (Auxiliary) का अर्थ "मित्र राष्ट्रों की सेना, नर्स की सहायक या अनेरिक्त व्यक्ति अथवा वस्तु के रूप में मिलने वाली सहायता से है।" यहाँ इस शब्द को प्रशासनिक संगठनों के सहायक अभिकरणों के सन्दर्भ में प्रयुक्त किया जाता है। प्रत्येक सूत्र अभिकरणों को फर्नीचर पुस्तकों, स्टेशनरी, उपकरणों की आवश्यकता सहित भवनों की देखभाल लेखा संधारण तथा चौकसी की आवश्यकता होती है। प्राचीन एवं मध्यकाल में प्रत्येक विभाग यह कार्य स्वयं ही करता था। किन्तु अब इन कार्यों को सम्पादित करने के लिए पृथक से प्रशासनिक संगठन बन गए हैं, जो सभी विभागों को अपनी सेवाएँ उपलब्ध कराते हैं। इन्हें ही सहायक अभिकरण कहा जाता है। भारत में विधि मंत्रालय, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, संसदीय कार्य मंत्रालय, केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग, संघ लोक सेवा आयोग, आपूर्ति एवं निपटान महानिदेशालय तथा वित्त विभाग इसी श्रेणी के अभिकरण माने जाते हैं।
फिफनर स्टाफ तथा सहायक एजेंसियों में कोई अन्तर नहीं समझता। सहायक एजेंसियों को वह स्टाफ में ही सम्मिलित कर लेता है। उनके अनुसार तीन प्रकार की स्टाफ सेवाएँ हैं- सामान्य स्टाफ, तकनीकी स्टाफ तथा सहायक स्टाफ। सामान्य स्टाफ वह है जो मुख्य कार्यकारी अधिकारी की सहायता परामर्श देकर सूचना इकट्ठा करके, अनुसंधान करके तथा आवश्यक तथा अनावश्यक मामले में अन्तर करके करता है। तकनीकी स्टाफ में वे अधिकारी तथा यूनिट शामिल हैं, जो विभिन्न प्रशासनिक विभागों के सांझे कार्य जो फुटकर प्रकार के हैं। विलोबी इन्हें संस्थात्मक अथवा 'हाउस कीपिंग' कहता है। गाऊस इन्हें "सहायक तकनीकी स्टाफ सेवाओं" की संज्ञा देता है।' एल. डी. व्हाईट इन्हें 'सहायक सेवाओं' के नाम से पुकारता है। विलोबी तथा व्हाईट के अनुसार इन्हें स्टाफ नहीं कहना चाहिए क्योंकि ये उस तरह का कोई कार्य नहीं करती जिस प्रकार का स्टाफ करता है। वह विभागों के प्रति हाऊस कीपिंग प्रकार की सेवा करता है।
सहायक एजेंसियाँ लोगों की सेवा न करके लाइन एजेंसियों की सेवा करती हैं। वे सभी विभागों के सांझे कार्य करती हैं। लाइन एजेंसी के पास उन प्राथमिक कार्यों को करने के लिए यह विद्यमान है एक सयत्र होना चाहिए, अपने कर्मचारियों की भर्ती के लिए इसे एक प्रणाली स्थापित करनी चाहिए, इसे संविदा खरीद भण्डारण तथा वितरण सम्बन्धी कार्य करना चाहिए। कुछ ही समय पूर्व प्रत्येक विभाग ये कार्य पृथक-पृथक करते थे अर्थात् अपना लेखा आप रखते थे, अपनी निधि अपने हाथ में रखते थे, अपनी सप्ला तथा उपस्कर आप खरीदते थे तथा अपने संविदा स्वयं करते थे, किन्तु आज लोक प्रशासन में कार्यों के विशेषीकरण के कारण इन कार्यों को पृथक एजेंसियों (सहायक) के अधीन संगठित करना वांछनीय समझा गया है।
सहायक अभिकरणों की विशेषताएँ
(1) सहायक अभिकरण संगठन के प्राथमिक कार्य नहीं करते हैं। वरन् द्वितीयक सेवाओं से ही सम्बन्धित होते हैं। यह सूत्र अभिकरणों को अनेक मुख्य उद्देश्यों की प्राप्ति के क्रम में आकस्मिक सेवाएँ एवं सुविधाएँ उपलब्ध कराते हैं। भंडार लेखा पुस्तकालय, फर्नीचर तथा निर्माण शाखा इसी वर्ग में सम्मिलित हैं।
(2) यह अभिकरण, स्टाफ अभिकरणों की भाँति अधिकारविहीन नहीं होते, वरन् सीमित क्षेत्र में अधिकार रखते हैं एवं निर्णय भी लेते हैं। इनकी स्थिति सूत्र एवं स्टाफ के मध्य कहीं हो सकती है।
(3) सहायक अभिकरण संचालन से सम्बन्धित कार्य करते हैं अर्थात् सलाह के बजाय वास्तविक कार्य करके दिखाते हैं। इनकी सेवाओं के अभाव में सूत्र अभिकरण ठप्प हो सकते हैं।
(4) इनकी सेवाएँ प्रत्यक्षतः जनता से जुड़ी हुई नहीं होती हैं वरन् सूत्र अभिकरणों के लिए होती है।
(5) सहायक अभिकरण, मुख्य कार्यपालिका या अन्य उच्चाधिकारी के अधीनस्थ होते हैं।
(6) सहायक अभिकरण सूत्र एवं स्टाफ अभिकरणों को आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराते हैं।
स्टाफ अभिकरण तथा सहायक अभिकरण में अन्तर
स्टाफ अभिकरण जैसा कि उपरोक्त कहा गया है लाइन अभिकरणों की सहायता करती है तथा उन्हें परामर्श देती है। उनका मुख्य कार्य कार्यकारी अधिकारी को परामर्श देना है। प्राथमिक कार्य करने का इनका कोई उत्तरदायित्व नहीं है। स्टाफ अभिकरण तथा सहायक अभिकरण में निम्नलिखित अन्तर देखा जाता है-
सहायक अभिकरणों तथा सूत्र (line) अभिकरणों में अन्तर
सूत्र अभिकरण नागरिकों को वे सेवाएँ प्रदान करती है। जिनके लिए सरकार अवस्थित होती है ये कार्यकलाप प्राथमिक अथवा प्रकार्यात्मक है। सहायक अभिकरण ऐसी सेवाएँ उपलब्ध कराती है। ज सूत्र अभिकरण सेवा के रूप में अच्छी प्रकार कार्य कर सकें। सूत्र और सहायक अभिकरणों के मध्य बिन्दुओं पर अन्तर हैं-
(1) सूत्र अभिकरण अपने आप में साध्य है, जबकि सहायक अभिकरण साधन मात्र है। वे विभागों की आवश्यकताओं को पूरा करने तथा उन्हें बनाये रखने के लिए जरूरी है।
(2) सहायक अभिकरण कभी भी लोगों पर विनियम लागू नहीं करती तथा लोगों को सेवा उपलब्ध नहीं कराती है। वे विभागों की गौण शाखाएँ हैं। सार्वजनिक नीति को लागू करना विभागों का काम है।
(3) सूत्र अभिकरण अपने आप में साध्य होने के कारण निष्पादित कार्य उनकी सेवा का प्रतिनिधित्व करता है। वहाँ मितव्ययता का प्रश्न ही नहीं उठता, किन्तु सहायक कार्यकलापों में मितव्ययता सबसे प्रमुख बात होती है। ये कार्यकलाप केवल सरकारी खर्च में मितव्ययता लाने के लिए हाथ में लिए जाते हैं।
(4) सूत्र अभिकरण की कार्यकुशलता तथा सफलता सहायक अभिकरण के कार्यों को उचित ढंग से निभाने पर निर्भर है। प्रशासन की सफलता इस बात पर निर्भर है कि लोक सेवा आयोग किस तरह के कर्मचारी चुनता है। इसी प्रकार यदि ये अभिकरण शीघ्रता तथा कुशलता से कार्य नहीं करती तो सूत्र अभिकरण द्वारा कार्यनिष्पादन में देरी अथवा अकुशलता आ जाएगी।
(5) लाइन (सूत्र) अभिकरण संगठन में क्रियाविधि की समस्याएँ, प्रत्येक मामले से भिन्न-भिन्न होती हैं। जबकि सहायक अभिकरण की समस्याएँ यदि एकरूप न हों तो समान होती है। विदेशी मामलों के विभाग का संगठन तथा क्रियाविधि शिक्षा विभाग के संगठन तथा क्रियाविधि से भिन्न होता है।
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- प्रश्न- 'लोक प्रशासन' के अर्थ और परिभाषाओं की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- लोक प्रशासन की प्रकृति की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- लोक प्रशासन के क्षेत्र पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- लोकतांत्रिक प्रशासन की प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- प्रशासन' शब्द का प्रयोग सामान्य रूप से किन प्रमुख अर्थों में किया जाता है?
- प्रश्न- "लोक प्रशासन एक नीति विज्ञान है" यह किन आधारों पर कहा जा सकता है?
- प्रश्न- लोक प्रशासन का महत्व बताइए।
- प्रश्न- प्रशासन के प्रमुख लक्षणों का उल्लेख कीजिए।
- प्रश्न- लोक प्रशासन के क्षेत्र का 'पोस्डकोर्ब दृष्टिकोण' की व्यख्या कीजिये।
- प्रश्न- लोक प्रशासन को विज्ञान न मानने के क्या कारण हैं?
- प्रश्न- एक अच्छे प्रशासन के गुण बताइए।
- प्रश्न- विकासशील देशों में लोक प्रशासन की चुनौतियाँ बताइये।
- प्रश्न- 'लोक प्रशासन में सैद्धान्तीकरण की बढ़ती प्रवृत्ति', टिप्पणी कीजिए।
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- प्रश्न- राजनीतिज्ञ एवं प्रशासक के मध्य अन्तर लिखिए।
- प्रश्न- शासन एवम् प्रशासन में अन्तर स्पष्ट कीजिये।
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- प्रश्न- भारत में लोक सेवकों के आचरण को अनुशासित बनाने के लिए किए गए प्रावधानों का वर्णन कीजिए।
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- प्रश्न- प्रशासन में अनुशासनहीनता को बढ़ावा देने वाले प्रमुख कारण कौन-कौन से हैं?
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- प्रश्न- "लोक प्रशासन तथा निजी प्रशासन में अनेकों असमानताएँ होने के बावजूद कुछ ऐसे बिन्दू भी हैं जो उनके बीच समानताएँ प्रदर्शित करते हैं।' कथन का परीक्षण कीजिए।
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- प्रश्न- निजी प्रशासन के नकारात्मक पक्षों पर संक्षिप्त प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- लोक प्रशासन की तुलना में निजी प्रशासन में राजनीतिकरण की सम्भावनाएँ न्यूनतम हैं, कैसे?-
- प्रश्न- निजी प्रशासन के दो प्रमुख लाभ बताइए।
- प्रश्न- लोक प्रशासन के महत्व पर विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- आधुनिक राज्यों में लोक प्रशासन के विभिन्न रूपों को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- विकासशील देशों में लोक प्रशासन की भूमिका को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- संगठन का अर्थ स्पष्ट करते हुए, इसके आधारों को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- संगठन के आधारों को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- संगठन के प्रकारों को स्पष्ट कीजिए। औपचारिक संगठन की विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- औपचारिक संगठन की विशेषताएँ बताइये।
- प्रश्न- अनौपचारिक संगठन से आप क्या समझते हैं? इनकी विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- औपचारिक तथा अनौपचारिक संगठन में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- संगठन की समस्याओं पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- संगठन के यान्त्रिक अथवा शास्त्रीय दृष्टिकोण (उपागम) को स्पष्ट कीजिए।
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- प्रश्न- लोक प्रशासन के क्षेत्र में एल्टन मेयो द्वारा प्रस्तुत मानव सम्बन्ध उपागम पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- हरबर्ट साइमन के निर्णय निर्माण सम्बन्धी मॉडल की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- हर्बर्ट साइमन के निर्णय निर्माण सिद्धान्त का लोक प्रशासन में महत्व पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- नौकरशाही का अर्थ बताइये और परिभाषाएँ दीजिए।
- प्रश्न- नौकरशाही की विशेषताएँ अथवा लक्षणों को बताइये।
- प्रश्न- निर्णयन का क्या अर्थ है? प्रशासन में निर्णयन प्रक्रिया का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- हेनरी फेयाफल द्वारा उल्लिखित किये गये संगठन के सिद्धान्तों को बताइए।
- प्रश्न- 'गेंगप्लांक' पर टिप्पणी कीजिये।
- प्रश्न- हरबर्ट साइमन द्वारा 'प्रशासन की कहावत' किन्हें कहा गया है और क्यों?
- प्रश्न- ऐल्टन मेयो को मानव सम्बन्ध उपागम के प्रवर्तकों में शामिल किया जाता है, क्यों?
- प्रश्न- निर्णयन के अवसरों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- निर्णयन के लक्षणों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- प्रतिबद्ध नौकरशाही की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- सूत्र एवं स्टाफ अभिकरण का आशय स्पष्ट कीजिए। सूत्र एवं स्टाफ अभिकरण में अन्तर को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- सूत्र या पंक्ति अभिकरण से क्या आशय है एवं सूत्र (लाइन) या पंक्ति अभिकरणों की विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- प्रशासन में स्टाफ अभिकरण के महत्व पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- स्टाफ अभिकरणों के कार्यों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- स्टाफ अभिकरण के विभिन्न रूपों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- सहायक अभिकरण का अर्थ स्पष्ट कीजिए एवं स्टाफ अभिकरण से इनकी भिन्नता पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- मुख्य प्रशासक की प्रशासन में क्या स्थिति है? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- बजट से आप क्या समझते हैं? इसे परिभाषित कीजिए। भारत में बजट कैसे तैयार किया जाता है?
- प्रश्न- बजट किसे कहते है? एक स्वस्थ बजट के महत्वपूर्ण सिद्धान्त बताइए।
- प्रश्न- भारत में केन्द्रीय बजट का निर्माण किस प्रकार होता है?
- प्रश्न- वित्त विधेयक पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- वित्त विधेयक के सम्बन्ध में राष्ट्रपति के विशेषाधिकार को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- बजट का महत्व बताइए।
- प्रश्न- भारत में बजट के क्रियान्वयन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- बजट के कार्य बताइये।
- प्रश्न- बजट के प्रकार लिखिए।
- प्रश्न- वित्त आयोग के कार्य बताइए।
- प्रश्न- योजना आयोग का प्रशासनिक ढाँचा क्या है?
- प्रश्न- शून्य आधारित बजट का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- नवीन लोक प्रशासन से आप क्या समझते हैं? नवीन लोक प्रशासन के उदय के कारण बताते हुए इसकी दार्शनिक पृष्ठभूमि का वर्णन कीजिए तथा नवीन लोक प्रशासन एवं दार्शनिक पृष्ठभूमि में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- नवीन लोक प्रशासन के विभिन्न चरणों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- नवीन लोक प्रशासन के लक्ष्य को स्पष्ट करते हुए इसके लक्षणों का परीक्षण कीजिए।
- प्रश्न- नवीन लोक प्रबन्ध के अभ्युदय कैसे हुआ? नवीन लोक प्रबन्ध की मुख्य विशेषताएँ बताते हुए इसके अंतर्गत सरकार की भूमिका में आए बदलावों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- नवीन लोक प्रशासन की भावी सम्भावनाओं को व्यक्त कीजिए।
- प्रश्न- नव लोक प्रशासन का उदय किन परिस्थितियों में हुआ?
- प्रश्न- नवीन लोक प्रशासन के प्रमुख तत्व कौन से हैं?
- प्रश्न- 'नवीन लोक प्रबन्ध' दृष्टिकोण के हानिकारक पक्षों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- नव लोक प्रबन्ध की पारिस्थितिकीय दृष्टिकोण के समर्थक क्या आलोचना करते हैं?
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- प्रश्न- प्रशासकीय कानून का क्या अर्थ है? प्रशासकीय कानून के विकास के प्रमुख कारण बतलाइए।
- प्रश्न- प्रशासकीय अधिनिर्णय का क्या अर्थ है? इसके विकास के प्रमुख कारणों का विवेचन कीजिए।
- प्रश्न- भारत में जन शिकायतों के निस्तारण हेतु ओम्बड्समैन की स्थापना हेतु किए गए प्रयासों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- प्रशासन पर न्यायिक नियन्त्रण से क्या तात्पर्य है? कोई न्यायालय प्रशासन के कार्यों को किस प्रकार अवैध घोषित कर सकता है?
- प्रश्न- भारत में प्रशासन पर न्यायिक नियन्त्रण के विभिन्न साधनों का परीक्षण कीजिए।
- प्रश्न- भारत में प्रशासकीय न्यायाधिकरणों को कितने वर्गों में विभाजित किया गया है?
- प्रश्न- प्रशासकीय न्यायाधिकरणों से क्या लाभ हैं?
- प्रश्न- प्रशासकीय न्यायाधिकरणों की हानियाँ बताइए।
- प्रश्न- लोक प्रशासन के अध्ययन के आधुनिक उपागमों को बताइये तथा व्यवहारवादी उपागमन को सविस्तार समझाइये।
- प्रश्न- लोक प्रशासन के अध्ययन के व्यवस्था उपागम का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- लोक प्रशासन के संरचनात्मक कार्यात्मक उपागम की व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- लोक प्रशासन के अध्ययन के पारिस्थितिकी उपागम का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- सुशासन से आप का क्या आशय है? सुशासन की विशेषताएँ लिखिए।
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- प्रश्न- भारत में सुशासन की स्थापना हेतु किये गये प्रयासों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- विकास प्रशासन से क्या अभिप्राय है? इसके प्रमुख लक्षणों पर प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- विकास प्रशासन से आप क्या समझते हैं? विकास प्रशासन के विभिन्न सन्दर्भों का उल्लेख करें।
- प्रश्न- विकास प्रशासन की धारणा के उद्भव व विकास को समझाते हुए विकास की विभिन्न रणनीतियों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- विकास प्रशासन के विभिन्न तत्वों की विवेचना कीजिए।
- प्रश्न- विकास प्रशासन की प्रकृति एवं साधन बताइए।
- प्रश्न- विकास प्रशासन के सामान्य अभिप्राय के सम्बन्ध में प्रमुख विवादों (भ्रमों) पर संक्षिप्त प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- विकासात्मक नीतियों को लागू करने में विकास प्रशासन कहाँ तक उपयोगी है?
- प्रश्न- विकास प्रशासन की प्रमुख समस्याएँ बताइए।
- प्रश्न- विकास प्रशासन के 'स्थानिक आयाम' को समझाइए।
- प्रश्न- विकास प्रशासन की धारणा के विकास के दूसरे चरण में विकास सम्बन्धी कि मान्यताओं का उदय हुआ?
- प्रश्न- विकास प्रशासन के समय अभिमुखी आयाम पर संक्षिप्त प्रकाश डालिए।
- प्रश्न- विकास प्रशासन और प्रशासनिक विकास में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- राजनीतिक और स्थायी कार्यपालिका से आप क्या समझते हैं और उनके मध्य अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- भारतीय प्रशासन के विकास का विश्लेषणात्मक वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- राजनीति क्या है? मानव सामाजिकता में राजनीतिक भूमिका लिखिए।
- प्रश्न- वर्तमान भारतीय प्रशासन की प्रमुख विशेषताएँ बताइए।